Garuda Sanjivani: A Miracle Plant Providing Accomplishment
गरूड़ संजीवनी: सिद्धि प्रदान करने वाली एक चमत्कारिक वनस्पति
By Mr_Dad_Digvijay
New Delhi. Probably everyone will be familiar with Sanjeevani. The mention of this miraculous medicine comes in the Ramayana when Laxman became unconscious during the war in Lanka. Then Vaidya Sushayana of Lanka had called for the Sanjeevani Booti for treatment and Hanumanji had lifted the whole mountain to bring the Sanjeevani Booti. The description of this Sanjeevani booti is also found in the major texts of Ayurveda. Many types of Sanjivani have been described, one of them being Garuda Sanjeevani.
Garuda Sanjeevani
Due to the unique properties of Garuda Sanjivani, it remains a subject of research for scientists as well. It is long curved like a snake alive and has the unique property of flowing against the flow of water. Scientists believe that due to being spherical, it flows opposite to the flow of water. Even Garuda Sanjivani is kept in a vessel filled with water and if water is poured separately on it, then it starts to rise up with the edge of water.
Whoever has Garuda Sanjeevani has money
Many uses of Garuda Sanjivani have also been mentioned in Tantra scriptures. It is said that Garuda Sanjivani discovers buried treasures within the ground. Regardless of the depth to which gold, diamonds and gems are buried in the ground, Garuda can be detected through Sanjivani. Some mechanisms are used for this.
In the physical world, Garuda Sanjivani, whoever has it, draws money like a magnet. For this, the root of Garuda Sanjivani is taken out on Amavasya night and its system is cremated. It is then kept under special rules at home. The one who has been proven correctly, Garuda Sanjivani, soon becomes the owner of the unfathomable property.
Use it for victory over enemies, victory in lawsuits, and to win over enemies, the root of Garuda Sanjivani is tied in the neck by proving it in Ravi Pushya Nakshatra. No enemy ever bothers with this. For the attainment of all types of accomplishments. Garuda Sanjivani is always kept and kept with him to achieve speech accomplishment.
नई दिल्ली। संजीवनी से संभवतया सभी परिचित होंगे। इस चमत्कारिक औषधि का जिक्र रामायण में आया है जब लंका में युद्ध के दौरान लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे। तब लंका के वैद्य सुषैण ने उपचार के लिए संजीवनी बूटी मंगाई थी और हनुमानजी संजीवनी बूटी लाने के लिए पूरा पहाड़ उठा लाए थे। इस संजीवनी बूटी का वर्णन आयुर्वेद के प्रमुख ग्रंथों में भी मिलता है। संजीवनी के कई प्रकार बताए गए हैं उनमें से एक है गरूड़ संजीवनी।
गरूड़ संजीवनी
गरूड़ संजीवनी के अनोखे गुणों के कारण यह वैज्ञानिकों के लिए भी शोध का विषय बनी हुई है। यह संजीवनी सर्प की तरह लंबी घुमावदार होती है और पानी के प्रवाह के विपरीत बहने का अनोखा गुण होता है। वैज्ञानिकों का मत है कि सर्पीलाकार होने के कारण ही यह पानी के प्रवाह के विपरीत बहती है। यहां तक कि किसी पानी से भरे हुए बर्तन में गरूड़ संजीवनी रखी हुई है और उसके उपर अलग से पानी डाला जाए तो यह पानी की धार के साथ उपर चढ़ने लगती है।
गरूड़ संजीवनी जिसके पास हो उसके पास पैसा ही पैसा होता है
तंत्र शास्त्रों में भी गरूड़ संजीवनी के कई प्रयोग बताए गए हैं। कहा जाता है गरूड़ संजीवनी जमीन के भीतर गड़े खजाने को तलाश लेती है। जमीन में चाहे जितनी गहराई में स्वर्ण, हीरे-जवाहरात दबे हुए हो गरूड़ संजीवनी के जरिए पता लगाया जा सकता है। इसके लिए कुछ तंत्र प्रयोग किए जाते हैं।
भौतिक जगत में गरूड़ संजीवनी जिसके पास हो उसके पास पैसा चुंबक की तरह खिंचा चला आता है। इसके लिए गरूड़ संजीवनी की जड़ को अमावस्या की रात्रि में निकालकर इसका तंत्र संस्कार किया जाता है। इसके बाद इसे घर में विशेष नियमों के तहत रखा जाता है। सही तरीके से सिद्ध की हुई गरूड़ संजीवनी जिसके पास हो वह शीघ्र अथाह संपत्ति का मालिक बन जाता है।
शत्रुओं पर विजय के लिए इसका प्रयोग कीजिए मुकदमों में जीत, शत्रुओं पर विजय के लिए गरूड़ संजीवनी की जड़ को रवि पुष्य नक्षत्र में सिद्ध करके गले में बांधी जाती है। इससे कभी कोई शत्रु परेशान नहीं करता। समस्त प्रकार की सिद्धियों की प्राप्ति के लिए। वाक सिद्धि प्राप्त करने के लिए गरूड़ संजीवनी को सिद्ध करके हमेशा अपने पास रखा जाता है।
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